BAGLAMUKHI SHABHAR MANTRA FUNDAMENTALS EXPLAINED

baglamukhi shabhar mantra Fundamentals Explained

baglamukhi shabhar mantra Fundamentals Explained

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युवतीं च मदोन्मत्तां, पीताम्बरा-धरां शिवाम् । पीत-भूषण-भूषाङ्गीं, सम-पीन-पयोधराम्॥

वज्रारि-रसना-पाश-मुद्गरं दधतीं करैः । महा-व्याघ्रासनां देवीं, सर्व-देव-नमस्कृताम् ।।३

Indicating: We pray to your Goddess to paralyse the destructive forces and quit their tongue that generates destruction.



अमुक (अपना नाम दें) दास को तुरत उबारो, बैरी का बल छिन लो सारो, निर्दयी दुष्टों को तुम्हीं संघारो,

रिपोर्जिह्वां त्रि-शूलं च, पीत-गन्धानुलेपनाम् । पीताम्बर-धरां सान्द्र-दृढ-पीन-पयोधराम् ॥

नानाभरण-भूषाढ्यां, स्मरेऽहं बगला-मुखीम्।।

पर – प्रज्ञापहारीं तां, पर – गर्व – प्रभेदिनीम् ।

Gains: Baglamukhi is considered the goddess of victory. Chanting this mantra with devotion and sincerity is thought that will help in conquering road blocks, defeating enemies, and accomplishing achievement.

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Oh Mata Baglamukhi, we pray that you just destroy our sins, deliver prosperity into our life and fulfil our needs.

ऋषि श्रीनारद द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

नव-यौवन-सम्पन्नां, सर्वाऽऽभरण-भूषिताम् । पीत-माल्यानुवसनां, स्मरेत् तां बगला-मुखीम् ।।

तत्रं साधना गुरू मार्ग दर्शन में ही करें स्वतः गुरू ना बनें अन्यथा भयानक दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता ही get more info है।

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